BREAKING NEWS
बिहार शरीफ में अहीर रेजिमेंट के गठन की मांग...        गुरुकुल विद्यापीठ में विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन : बच्चों ने दिखाया वैज्ञानिक सोच...        फ़िल्मी स्टाइल में बैंक लूट : एनकाउंटर के लिए बुलेट प्रूफ जैकेट डालते रह गए SP, लुटेरे हुए उड़न छू...        शॉर्ट सर्किट से लगी आग, पांच लाख की संपत्ति जलकर हुई राख...        81 करोड लोगों को मिलता रहेगा मुफ्त राशन : कांता कर्दम...        लकवा लाइलाज नहीं जानिए समय पर लक्षण पहचान कर कैसे बचा सकते है पीड़ित की जान...        पांच दिवसीय भारत स्काउट गाइड प्रशिक्षण हुआ सम्पन्न...        तीन दिवसीय राजगीर महोत्सव का आगाज : प्रभारी मंत्री विजय कुमार चौधरी ने किया उद्घाटन...        फरार अभियुक्त को पुलिस ने किया गिरफ्तार...        सांसद ने आदित्य अस्पताल का किया शुभारंभ : सर्जरी के अलावे गंभीर बीमारियों का मिलेगा उपचार...       
post-author

बिहारशरीफ सदर अस्पताल में मोबाईल टॉर्च के सहारे हुआ मरीजों का इलाज

Bihar 25-Jun-2023   10155
post

इमरजेंसी वार्ड में घंटों छाया रहा अंधेरा : गर्मी से छटपटाते रहे मरीज

बिहारशरीफ : सूबे में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था का चाहे जितना भी दावा किया जाये लेकिन अस्पतालों की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती हैं। ऐसी ही आश्चर्यजनक तस्वीर सामने आई है, जो बताती है कि प्रदेश में अभी भी सरकारी अस्पतालों की हालात नहीं बदली हैं. बिहारशरीफ सदर अस्पताल में शनिवार की रात्रि 11 बजे के लगभग टॉर्च की रोशनी में मरीजों का इलाज किया गया.


जब भी बिजली का कट लगता है तो सदर अस्पताल बिहारशरीफ में मशीनें बंद हो जाती हैं। डॉक्टरों को टॉर्च की सहायता से मरीजों का इलाज करना पड़ता है। शनिवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ जब देर रात 11 बजे सदर अस्पताल में बिजली कट गई इसके बाद घंटो तक इमरजेंसी वार्ड के मरीज इस भीषण गर्मी में पसीने से लतपत दिखे साथ ही मोबाइल टॉर्च के सहारे मरीजों का इलाज किया गया। जबकि अस्पताल में जनरेटर सुविधा उपलब्ध है इसके बावजूद घंटो तक अंधेरे के साए में सदर अस्पताल चिमटा रहा और मरीज गर्मी से बेचैन रहे। बिहारशरीफ। ऐसी परिस्थिति में सीरियस मरीज वेंटिलेटर पर पड़ा हो और घंटो बिजली गुम हो जाए तो डॉक्टरों को इलाज के दौरान परेशानियों का सामना तो करना पड़ता ही है मरीज की जान भी जा सकती है। सूत्र बताते हैं कि अस्पताल में बिजली का गुल होना कोई नई बात नहीं है इसका जिम्मेवार पूरी तरह से अस्पताल प्रबंधन है क्योंकि सदर अस्पताल में सिविल सर्जन एवं उपाधीक्षक की मनमानी रवैया के कारण पूरी व्यवस्था चरमरा गई है बताया जा रहा है कि अस्पताल प्रबंधक खुशबू कुमारी की पदस्थापना के लगभग 3 माह बीत जाने के बावजूद भी स्वास्थ्य प्रबंधक हेमंत कुमार का अभी भी अस्पताल में कब्जा बना हुआ है यहां सवाल यह भी उठता है कि जब अस्पताल प्रबंधक की प्रतिनियुक्ति हो चुकी है तो स्वास्थ्य प्रबंधक को यहां ड्यूटी पर क्यों रखा गया है और उनका वेतन भुगतान क्यों किया जा रहा है। अस्पताल के अंदर जब भी किसी तरह की अनियमितता पाई जाती हैं तो सिविल सर्जन एवं उपाधीक्षक के द्वारा स्पष्टीकरण का खेल खेला जाता है लेकिन करवाई शून्य रहती है। शनिवार रात्रि घंटों बिजली गुम रहने की बात को लेकर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ कुमकुम ने बताया कि लोड की वजह से इनवर्टर बैकअप नहीं दे रहा है कुछ टेक्निकल फॉल्ट हुई होगी जिससे समस्या उत्पन्न हुई होगी मामले को लिखवा लिया जाएगा। उप अधीक्षक महोदय का कहना भी सही है परंतु इस तरह की बैकअप का समस्या पहले भी आई होगी अगर विभाग उस समय अलर्ट हो जाती तो शनिवार की रात घंटों बिजली गुम नहीं होती।

post-author

Realated News!

Leave a Comment

Sidebar Banner
post-author