बिहारशरीफ : शुक्रवार को आइडियासिटी न्यूज द्वारा आम जनता को जागरूक करने हेतु साइबर डीएसपी ज्योति शंकर ने डिजिटल लेन-देन व सतर्कता की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आजकल लोग आसानी से डिजिटल अरेस्ट की गिरफ्त में आ रहे हैं। इससे सावधान रहें। किसी के बहकावे में न आएं। आपके परिवार के किसी सदस्यों को जेल में बंद होने, गलत कामों में पकड़े जाने, ड्रग आपूर्ति में गिरफ्तार होने, दुर्घटना में अस्पताल में भर्ती होने का डर दिखाकर अगर कोई आपको फोन करे। तो उनकी बातों को सुनें जरूर। लेकिन, उस संबंध में अपने परिजनों से अवश्य बात कर उसकी सच्चाई जानें। अपने स्रोतों से घटना की पूरी जानकारी लें। अगर उस समय उनका फोन न लगे, तब भी उनसे बात किए बिना कोई कदम न उठाएं। एक छोटी सी भूल आपके खाता को खाली कर सकता है। डीएसपी ने कहा कि आसानी से मिलने वाले उपहारों को हमेशा शक की नजरों से देखें। उसकी पूरी तहकीकात करें। आजकल कई बैंक डोर स्टेप बैंकिंग सेवा भी उपलब्ध करा रही है। इससे सावधान रहें। क्रिप्टोकरेंसी में किसी तरह का निवेश न करें। डिजिटल होती दुनिया में आपके अंगूठे के इशारे पर हमेशा बैंकिंग सेवाएं रहती है। कहीं से कभी भी किसी को भी पैसों की लेन-देन करने की आजादी आपको मिली हुई है। हम बैंकों में डिजिटल सेवाओं को बेहतर बनाना चाहते हैं। लेकिन, इसके लिए आपको हरदम सतर्क रहना होगा। कभी भी कोई अनजान लिंक को शेयर न करें। उसके शेयर करते ही मोबाइल में स्टोर डाटा हैक कर साइबर फ्रॉड आपके खाता को खाली कर सकता है। डीएसपी ने कहा कहा कि ज्यादातर लोग आज के डिजिटल युग में मोबाइल बैंकिंग, यूपीआई, गूगल पे, पे फोन जैसी सेवाओं का उपयोग करते हैं। ऐसे में सावधान रहने की आवश्यकता भी है।
बरतें ये सावधानी
डिजिटल फ्रॉड होने पर तुरंत अपने बैंक में शिकायत करें। 30 दिनों में बैंक सुनवाई न करें, तो लोकपाल के पास शिकायत करें। आरबीआई की वेबसाइट के अलावा डाक या ईमेल द्वारा भी आप अपनी शिकायत कर सकते हैं। एक साल एक माह से अधिक समय होने के बाद इस तरह की शिकायतों की सुनवाई नहीं हो सकेगी। पासवर्ड या अन्य गोपनीय जानकारी को किसी के साथ साझा करते हैं, उसके बाद फ्रॉड होता है, तो उसके लिए बैंक जवाबदेह नहीं होगी। इस तरह की जानकारी किसी भी परिस्थिति में दूसरों के साथ शेयर न करें। खाता से संबंधित किसी तरह की परेशानी हो, तो अपने बैंक में जाकर अधिकारियों से सीधे संपर्क करें। बैंक कभी भी आपकी गोपनिय जानकारी को नहीं मांगती है।
इन विधियों से आप हो सकते हैं डिजिटल फ्रॉड के शिकार
वयूआर स्कैन डिजिटल अरेस्ट पिन य अन्य गोपनीय जानकारी साझा करने से एटीएम कार्ड का क्लोन बनाकर ऑनलाइन लोन और जॉब का ऑफर देकर स्क्रीन शेयरिंग व रिमोट एक्सेस फिशिंक लिंक (अनजान लिंक) और अनावश्यक कॉल।