Nalanda : 70 के दशक में बिहार का कोल्ड स्टोरेज हब कहलाने वाला नालंदा जिला आज अपनी पहचान खोता जा रहा है। बिजली की आसमान छूती दरों और मुनाफे में भारी गिरावट के चलते एक समय के 80 कोल्ड स्टोरेज अब घटकर मात्र 13 रह गए हैं। संचालकों पर हर माह 5 लाख तक के बिजली बिल का बोझ और किसानों द्वारा सीधे खेत से फसल बेचने की बढ़ती प्रवृत्ति ने इस व्यवसाय की कमर तोड़ दी है। कई कोल्ड स्टोरेज अब महज गोदाम बनकर रह गए हैं। इस संकट का सबसे बड़ा खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। उन्हें अपनी उपज को सुरक्षित रखने के लिए दूर-दराज के इलाकों में जाना पड़ता है, जिससे परिवहन लागत बढ़ रही है। हालांकि सरकार ने सोलर पैनल लगाने के लिए अनुदान की योजना बनाई है, लेकिन इसका क्रियान्वयन अभी बाकी है। कृषि टैरिफ में शामिल करने की मांग भी वर्षों से लंबित है।