बिहारशरीफ : मरीजों की सेवा के लिए लगी लिफ्ट खुद सेवा से लाचार हो गई है। सदर अस्पताल में 22 लाख रुपये की भारी-भरकम लागत से लगाई गई लिफ्ट महज 22 दिन की उम्र में ही दम तोड़ बैठी। अगस्त 2023 में जब मंत्री श्रवण कुमार और सांसद कौशलेन्द्र कुमार ने बड़ी धूमधाम से इसका उद्घाटन किया था, तब किसे पता था कि यह महंगी सौगात इतनी जल्द बेकार हो जाएगी। लिफ्ट के दरवाजे पर लगा एक पर्चा गहरी विडंबना को बयान करता है - "सिर्फ लाचार व्यक्ति ही इसका प्रयोग करें। लेकिन आज स्थिति यह है कि यह लिफ्ट खुद लाचारी का शिकार है, जो महीनों से बंद पड़ी है। मरम्मत के नाम पर कुछ कोशिशें हुईं, लेकिन वे भी नाकाम साबित हुईं। आम लोग अब तंज कस रहे हैं कि 22 लाख की लिफ्ट, 22 दिन भी नहीं चली! यह महंगी नाकामी अस्पताल प्रशासन के मुंह पर तमाचे की तरह है, लेकिन इसकी मरम्मत के लिए कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है। लिफ्ट की यह दुर्दशा मरीजों की परेशानियों का मजाक उड़ा रही है, जबकि प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।