Nawada : रजौली प्रखण्ड क्षेत्र में दर्जनों नर्सरी से लेकर आठवीं व दशवीं कक्षा तक के लिए दर्जनों निजी विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं।स्कूली वाहन चालक परिवहन विभाग के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं।वाहनों पर क्षमता से अधिक बच्चों को ठूंस-ठूंसकर बैठाया जा रहा है। स्थिति ये है कि जिस वाहनों में 4 से 6 बच्चे बैठाने चाहिए उनमें 12-14 बच्चे बैठाए जा रहे हैं।इससे उनकी जान को खतरा हो सकता है।इसके बावजूद वाहन चालकों के खिलाफ न तो परिवहन विभाग कार्रवाई कर रहा है और न ही पुलिस।वहीं निजी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने,पाठ्य पुस्तक,ड्रेस व परिवहन के नाम पर नौनिहालों के परिजनों से मोटी रकम वसूली जा रही है।किंतु नौनिहालों को मिलने वाली सुविधाओं में काफी अनियमितता बरती जा रही है।घर से विद्यालय आने-जाने में बच्चों को टेम्पो,मैजिक व कस्टमाइज वाहनों द्वारा जैसे-तैसे यातायात नियमों का उल्लंघन करते हुए देखा जा रहा है।इस व्यवस्था में सड़क दुर्घटना होने पर किसी बड़ी अनहोनी को नकारा नहीं जा सकता है।रजौली मुख्यालय में पुलिस व प्रशासन के वरीय पदाधिकारियों के आवास भी हैं।सड़क पर दौड़ती बच्चों से खचाखच भरे वाहनों पर भी नजर पड़ती है,किन्तु उन स्कूल वाहनों का न तो यातायात नियमों को तोड़ने के कारण अबतक चालान हुआ है और न ही सम्बंधित विद्यालय संचालक के विरुद्ध कार्रवाई हो पाई है।विद्यालय में संचालित कई वाहनों के पास तो जरूरी कागजात भी नहीं है,तो कई स्क्रेपिंग में जानेवाले वाहनों का उपयोग किया जा रहा है।परिजनों की मानें तो वे अपने बच्चों की शिक्षा पर मोटी रकम खर्च कर रहे हैं।जिनमें एक कक्षा से दूसरी कक्षा में प्रोन्नति होने पर मंहगे किताबों व कॉपियों का खर्च,ड्रेस का खर्च,परिवहन का खर्च समेत अन्य खर्च शामिल है।निजी विद्यालयों में पढ़ने वाले नौनिहालों के परिजनों ने शिक्षा विभाग एवं पुलिस व प्रशासन से समय-समय पर निजी विद्यालयों का निरीक्षण करने की मांग की है।साथ ही बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले विद्यालयों के प्रति उचित कानूनी सुनिश्चित करें।
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क्या कहते हैं पदाधिकारी -
इस बाबत प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी ए. वर्षा ने बताई कि प्रखण्ड क्षेत्र के सभी निजी विद्यालयों के संचालकों के साथ बैठक कर स्कूल वाहनों से सम्बंधित जानकारी लेने के बाद अग्रतर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।