Biharsharif : शहर के यातायात सिस्टम में एक नया स्मार्ट खेल चल रहा है, जहां कानून के रखवाले ही कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं। एक विशेष जांच में सामने आया है कि यातायात पुलिस ने शहर के चौराहों को अपनी निजी वसूली लैब में तब्दील कर दिया है।
वसूली का हाईटेक जाल
यातायात पुलिस ने एक अनोखा बिजनेस मॉडल विकसित किया है। जूस से लेकर किराना दुकानों तक, हर जगह उनका 'मोबाइल कैशिंग सिस्टम' कार्यरत है। चालान के नाम पर 200 से 1000 रुपये तक की राशि वसूली जा रही है, जो सीधे पुलिसकर्मियों की जेब में जा रही है। सूत्रों का कहना है कि थाना प्रभारी द्वारा प्रत्येक चौराहे पर तैनात कर्मियों को दैनिक वसूली का टारगेट दिया जाता है। आज का टारगेट पूरा करना है, चाहे जो हो जाए - यही मंत्र हर पुलिसकर्मी के कान में फूंका जाता है। खंदक क्षेत्र में तो स्थिति और भी विस्फोटक है। यहां पुलिसकर्मी बिना किसी झिझक के वाहन चालकों की फोटो खींचकर धमकी देते हैं - या तो पैसे दो, या फिर चालान कटवाओ।
जनता का विश्वास डगमगाया
यातायात व्यवस्था के नाम पर चल रहा यह स्मार्ट रैकेट न केवल कानून की धज्जियां उड़ा रहा है, बल्कि आम जनता का पुलिस व्यवस्था से विश्वास भी डगमगा रहा है। सवाल यह है कि क्या इस तरह सुधरेगी शहर की यातायात व्यवस्था? वहीं इस इस मामले पर ट्रैफिक डीएसपी मोहम्मद खुर्शीद आलम ने कहा कि उन्हें भी इस संबंध में वीडियो प्राप्त हुआ है। उन्होंने यातायात थानेदार से मामले की जांच कर रिपोर्ट मांगी है। डीएसपी ने यह भी आश्वासन दिया है कि अगर वसूली की शिकायत सही पाई गई, तो दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।