Rajgir : देश का पहला 'क्लिफ वॉक यानि 'चट्टान पर बना शीशा मार्ग बनाने के लिए किया जा रहा तकनीकी सर्वे शुक्रवार को पूरा हो गया। इसके साथ ही इसे धरातल पर जल्द उतारने की कवायद शुरू कर दी गयी है। ऐसे में जमीन से 252 से 300 फीट ऊंचाई पर तकरीबन 1,509 फीट 'हवा में सफर का सपना शीघ्र पूरा होने वाला है। वैभारगिरि पर बनने वाला क्लिफ वॉक राजगीर आने वाले सैलानियों को अलग तरह का रोमांच दे सकेगा। जिस स्थान पर क्लिफ वॉक बनाया जाना है, उस चट्टान को खोदकर अलग-अलग स्थानों से आधा दर्जन से अधिक नमूने लिये गये हैं। इन नमूनों की कोलकाता प्रयोगशाला में गुणवत्ता जांच होगी। यह पता लगाया जाएगा कि वह चट्टान एक बार में कितना वजन सह सकेगा। इसके निर्माण पर 4.5 करोड़ खर्च आने का प्राथमिक अनुमान लगाया गया है। अगले माह से निर्माण शुरू होने की पूरी उम्मीद है। नये वित्तीय सत्र शुरू होने यानि अप्रैल से पहले क्लिफ वॉक को चालू करने की योजना है। ड्रोन सर्वे करके इसके स्थान का चयन कई माह पहले किया गया था। अब यह तय हो गया कि चयनित स्थान क्लिफ वॉक बनने की क्षमता रखता है। पहले दिन भौतिक सर्वेक्षण के दौरान पाया गया कि 190 मीटर लंबा शीशा मार्ग ही बनाया जा सकता है। लेकिन, चट्टानों की खुदाई करने के बाद इसकी लंबाई 260 मीटर करने पर सहमति बनी।
होगा काफी आकर्षक
वैभारगिरि पर बनने वाला क्लिफ वॉक पहले से बने ग्लास ब्रिज (स्काई वॉक) से भिन्न और काफी आकर्षक होगा। स्काई वॉक पर चढ़ने के बाद नीचे एकबारगी खाई दिखेगी, जो रोमांच के साथ ही डर जैसा माहौल बनाएगा। नीचे देखने पर हवा में तैरने जैसा अहसास होगा। क्लिफ वॉक पहाड़ की 77 मीटर ऊंचाई पर इस तरह बना होगा कि एक ओर पहाड़ सटा होगा, तो दूसरी तरफ काफी गहरी तलहटी। नीचे डायनासोर की दहाड़ः चट्टान पर बनने वाला शीशा मार्ग वर्तमान ग्लास ब्रिज से 4,187 मीटर की दूरी पर होगा। सबसे खास बात यह कि क्लिफ वॉक के ठीक नीचे डायनासोर पार्क होगा। ऐसे में सैलानी गजब के रोमांच का लुत्फ उठा सकेंगे। नीचे डायनासोर की दहाड़, ऊपर आसमान तो बीच में 'हवा में तैरने का अहसास। वैभारगिरि पर बनने वाले क्लिफ वॉक तक पहुंचने के लिए डायनासोर पार्क के पास सीढ़ियां बनायी जानी हैं।