Darbhanga : प्राकृतिक चिकित्सा दिवस मनाया गया : डॉक्टर कृष्ण कुमार

Darbhanga : चतुर्थ प्राकृतिक चिकित्सा दिवस 18 नवंबर 2021 को आयुष मंत्रालय भारत सरकार इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन एवं ऊर्जा स्टेशन नई दिल्ली के दिशा निर्देश में साधु कृष्ण योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान सोन बेहट बिरौल दरभंगा में निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया जिसमें प्राकृतिक चिकित्सा के जाने-माने चिकित्सा विशेषज्ञ डॉक्टर सुरेंद्र नारायण सिंह साधू जी ने 12 रोगियों की जांच की और रोगियों की दयनीय स्थिति को देखते हुए बिना किसी दवा के ही उपचार लिखें। +2 जनता उच्च विद्यालय शिवनगर घाट में चतुर्थ प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के शुभ अवसर पर डॉ कृष्ण कुमार राज्य सह संयोजक आई एन ओ बिहार ने प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के बारे में विशेष जानकारी देते हुए बताया कि प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति मिट्टी पानी धूप हवा उपवास को अपनाकर चिकित्सा की जाती है इसमें खानपान का विशेष महत्व होता है। हरी साग सब्जी ज्यादा खाने फल और हरी तरकारी अधिक उपयोग करने वाले कम बीमार होते हैं तथा सूर्योदय से पहले उठने नित्य क्रिया कर तेज कदमों के साथ चलें। अंकुरित अनाज ले नाश्ता मेंl भोजन में चौकरदार आटे की रोटी, उबली हुई सब्जी और सलाद का उपयोग करें सूर्यास्त से पहले भी भोजन कर लें और सवेरे सो जाएं और सूर्योदय से पहले उठ जाएं। अधिक तेल मिर्च मसाला का उपयोग नहीं करें l चीनी चाय डालडा मैदा का उपयोग नहीं करें ।भूख से हमेशा कम खाएं ,कम बोलो ,अच्छे साहित्य पढें।
आप हमेशा निरोग बने रहेंगे
स्टूडेंट विजन पब्लिक स्कूल सोनबेहट के प्रांगण में डॉ सुरेंद्र नारायण सिंह साधु ने बच्चों को हमेशा मुस्कुराते रहने के लिए और सभी शिक्षकों को भी मुस्कुराकर बच्चों को आगमन और प्रस्थान करने के लिए बतलाए इसका प्रभाव अच्छा होता है । हमेशा निरोग बना रहेगा तथा उच्च विद्यालय शिवनगर घाट में बतलाए कि उल्टी करने से कफ नाश होता है इसके लिए गर्म पानी पीकर उल्टी करना चाहिए ।शरीर में अगर दर्द है तो मालिश करनी चाहिए यदि मालीश संभव ना हो तो किसी तौलिया को पानी में भीगा कर शरीर को पोंछ देने से दर्द समाप्त हो जाती है ।
पित्त के रोगियों को दूध और शहद पिलाना चाहिए । घी का उपयोग करना चाहिए ।इससे रोगी को चक्कर आने की समस्या कमजोरी इत्यादि समाप्त हो जाती है । डॉ कृष्ण कुमार ने बताया कि यदि कोई रोगी कैंसर से पीड़ित है बहुत गरीब है वह रोगी निश्चित मिले बिना ऑपरेशन के बाबा से अपेंडिक्स फोड़ा फुंसी जख्म ट्यूमर कैंसर अल्सर प्राकृतिक चिकित्सा से पूर्णता ठीक होती है इतना ही नहीं कैंसर की लास्ट स्टेज पहली एक्टिव केयर की स्टेज योग और प्राकृतिक चिकित्सा ही एक सहारा बनता है
ऐसी स्थिति में कीमोथेरेपी न्यूक्लियर मेडिसिन सभी तरह के एलोपैथिक ड्रग्स असफल हो जाता है ऐसी स्थिति से निपटने के लिए टैली एक्टिव केयर की आवश्यकता होती है।
