नालंदा (विशेष प्रतिनिधि): पौराणिक नगरी नालंदा में लोक आस्था का महापर्व छठ अभूतपूर्व उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। गुरुवार की संध्या को ऐतिहासिक बाबा मणिराम अखाड़ा छठ घाट पर हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया गया।
आस्था का अनोखा दृश्य
डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के दौरान घाट पर उमड़े श्रद्धालुओं का दृश्य अद्भुत था। व्रती महिलाओं द्वारा पारंपरिक गीतों के साथ छठी मैया और सूर्य देव की आराधना की गई। स्थानीय युवा विश्वजीत आनंद ने व्रतधारियों के बीच नारियल वितरित कर सेवा का उदाहरण प्रस्तुत किया।
पौराणिक महत्व और परंपरा
छठी माता को संतान की रक्षक माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता सीता, कुंती और द्रौपदी ने भी इस कठिन व्रत को किया था। कार्तिक षष्ठी पर आरंभ होने वाले इस 36 घंटे के निर्जला व्रत में डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।
व्रत का समापन
आज यानी शुक्रवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ व्रत का समापन होगा, जिसके बाद व्रती ठेकुआ और फलों का प्रसाद वितरित करेंगी। यह पर्व न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक विरासत का भी प्रतीक है।