गया : 14 मार्च की सुबह 08:54 में भगवान सूर्य कुंभ से मीन राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य के राशि परिवर्तन के साथ ही खरमास का आरंभ हो जाएगा। खरमास लगते ही करीब एक माह तक मांगलिक कार्यों पर ब्रेक रहेगा। शहनाई की शोर थम जाएगी। मुंडन, यज्ञोपवीत संस्कार, नवीन गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य भी रुक जाएगें। खरमास का समापन 13 अप्रैल की देर रात होगी। देर रात में ही सूर्य मीन से मेष राशि में प्रवेश करेंगे। मेष राशि के सूर्य होते ही 14 अप्रैल से पुनः सभी तरह के मांगलिक व शुभ कार्य आरंभ हो जाएगें। बता दें कि खरमास में भले ही वैवाहिक कार्य न हो, परन्तु हवन व पूजन के साथ कई महापर्व मनाए जा सकेंगे। खरमास में ही सनातन धर्मावलंबियों का नव वर्ष के साथ वासंतिक नवरात्र जैसे महापर्व मनाए जाएगें। आचार्य नवीन चंद्र मिश्र वैदिक ने बताया कि 14 मार्च से खरमास का आरंभ होगा। खरमास शुरू होते ही सभी तरह के कार्यो पर ब्रेक लग जाएगा।
07 मार्च से शुरू होगा होलाष्टक रंगों के महापर्व होली के करीब आठ दिन पूर्व 07 मार्च से होलाष्टक की शुरुआत होगी। होलिका दहन के दिन होलाष्टक का समापन है। होलाष्टक में भी सभी तरह के शुभ कार्यों की मनाही है। ऐसी मान्यता है कि आठ दिन पहले से हिरण्यकश्यप ने प्रहलाद को कई यातनाएं दी। प्रहलाद को कष्ट दिए, ताकि वह डर कर पिता का भक्त बन जाए, लेकिन इन यातनाओं का सामना करने के बाद भी प्रहलाद ने सभी तरह के कष्ट और परेशानियां झेली।
इस साल के शेष विवाह मुहूर्त का विवरण
अप्रैल : 14, 16, 18, 19, 20, 21, 25, 29 व 30 मई : 06, 08, 10, 14, 15, 16, 17, 18, 22 व 23 जून : 02, 04, 05 व 07
नवंबर : 02, 03, 06, 08, 12, 13, 16, 17, 18, 21, 22, 23, 25 व 30
दिसंबर : 04, 05 व 06