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बिहार में अररिया और मुंगेर के बाद मुख्यमंत्री के गृह जिले नालंदा में भी पुलिस असुरक्षित....वारंटी अपराधी को गिरफ्तार करने गए दारोगा को किया लहूलुहान

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बिहारशरीफ : सरमेरा थाना क्षेत्र के चेरो गांव में पुलिस टीम पर हुए हमले ने एक बार फिर बिहार में कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वारंटी अपराधियों को पकड़ने गई पुलिस टीम पर सैकड़ों ग्रामीणों ने पत्थरों की बौछार कर दी, जिसमें प्रशिक्षु दारोगा अजित कुमार ओझा समेत आधा दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो गए। घायल दारोगा ने बताया कि उपद्रवियों ने 'चोर-चोर' का शोर मचाते हुए अचानक हमला बोल दिया। पत्थरों की बारिश इतनी भयानक थी कि हमें पीछे हटना पड़ा। घटना के बाद पुलिस ने 36 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि बाकी सभी गांव छोड़कर फरार हो गए हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, टीम वारंटी लालो यादव और वीरू यादव को गिरफ्तार करने गई थी। कोर्ट द्वारा जारी वारंट के आधार पर जैसे ही पुलिस ने कार्रवाई शुरू की, ग्रामीणों ने एकजुट होकर हमला कर दिया। घटनास्थल पर बिखरे हुए पत्थर और ईंटें इस बात की गवाही दे रहे हैं कि पुलिस टीम पर कितना भयानक हमला हुआ था। उपद्रवियों ने दारोगा का मोबाइल फोन भी छीन लिया, जिसमें कई महत्वपूर्ण जानकारियां थीं।

मुंगेर से समस्तीपुर तक' - बिहार में पुलिस पर हमलों का सिलसिला 

यह घटना इस महीने की पहली ऐसी घटना नहीं है जब पुलिस पर हमला हुआ हो। इससे पहले मुंगेर, औरंगाबाद, समस्तीपुर, सुपौल और नवादा समेत कई जिलों में पुलिस टीमों पर हमले हुए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रवृत्ति चिंताजनक है और इसपर तत्काल रोक लगाने की आवश्यकता है। डीएसपी सदर नूरुल हक ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है और बाकी आरोपियों की तलाश की जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस के डर से गांव के अधिकांश पुरुष अपने घर छोड़कर भाग गए हैं। अतिरिक्त बल तैनात किया गया है और आने वाले दिनों में बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां होने की संभावना है।

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