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रंग और रोज़े का अनूठा संगम : एक ओर कुर्ता फाड़ होली का हुड़दंग, दूसरी ओर रमजान की पहली जुम्मे का नवाज

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नालंदा में दोनों समुदायों ने दिखाई एकता और भाईचारे की मिसाल; 550 BMP जवानों की तैनाती के बीच शांतिपूर्ण माहौल

Nalanda : नालंदा समेत पूरे बिहार दो महत्वपूर्ण त्योहारों के रंग में रंगा हुआ है। एक तरफ जहां होली के रंगीन त्योहार में युवा कुर्ता फाड़ और कीचड़ भरी होली खेलने में मस्त हैं, वहीं दूसरी ओर रमजान के पवित्र महीने की पहली जुमा की नमाज भी अदा की गई। दोनों समुदायों के त्योहारों का यह अनूठा संगम नालंदा में एकता और भाईचारे की मिसाल बन गया है।


होली का जश्न पूरे जिले में अपने चरम पर है। युवाओं में इस पर्व को लेकर गजब का उत्साह है। शहर के विभिन्न इलाकों में युवा टोलियां रंग-गुलाल के साथ-साथ परंपरागत 'कुर्ता फाड़' होली भी खेल रही हैं। कई जगहों पर कीचड़ में सनी होली का अनोखा नज़ारा देखने को मिला, जिससे माहौल और भी रोमांचक हो गया है।


वहीं, रमजान की पहली जुमा के मद्देनज़र प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा। शुक्रवार दोपहर लगभग 1 बजे बिहारशरीफ की सभी प्रमुख मस्जिदों के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए। लहेरी थाना क्षेत्र के मुरारपुर मस्जिद, बड़ी दरगाह, गगन दिवान मोहल्ला की मस्जिदों और सोहसराय थाना क्षेत्र के सहोखर मस्जिद, महुआ टोला मस्जिद और श्रृंगारहाट मस्जिद के आसपास विशेष पुलिस बल तैनात किया गया।

होली और रमजान के इस संयोग को देखते हुए प्रशासन ने 550 बीएमपी, सैफ बिहार पुलिस और पीटीसी के जवानों को तैनात किया। इस मुस्तैदी के चलते जुमे की नमाज शांतिपूर्ण माहौल में अदा की गई। नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने न केवल प्रशासन की व्यवस्था की सराहना की, बल्कि यह भी कहा कि वे अपने हिंदू भाइयों के साथ मिलकर होली का त्योहार भी मनाएंगे।


स्थानीय लोगों ने कहा कि हमारी संस्कृति की यही खूबसूरती है कि हम एक-दूसरे के त्योहारों का सम्मान करते हैं। रमजान के पवित्र महीने में भी हम अपने हिंदू भाइयों के साथ मिलकर होली की खुशियां मनाएंगे।

प्रशासन ने संवेदनशील इलाकों में पुलिस बल की तैनाती के साथ-साथ लगातार गश्त भी जारी रखी है। अधिकारियों ने नमाज से पहले ही सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया और यह सुनिश्चित किया कि किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति न बने।

शहर में शांति, सौहार्द और भाईचारे का माहौल बनाए रखने के लिए पुलिस अधीक्षक ने आम जनता से भी सहयोग की अपील की है। पुलिस और प्रशासन की सतर्कता से त्योहारों का यह अनूठा संगम पूरी तरह शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण तरीके से मनाया जा रहा है।

भद्रा के साये में नालंदा में हुआ होलिका दहन, श्रद्धालुओं ने वैदिक मंत्रों के साथ की पूजा

बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक होलिका दहन नालंदा जिले के आलमगंज, पुलपर, बिजली खंदक, नई सराय, भराव पर, इतवारी बाजार, अंबेर मोहल्ला, मोगल कुआं, सोहसराय सहित विभिन्न स्थानों पर श्रद्धा और उल्लास के साथ संपन्न हुआ। हालांकि इस वर्ष भद्रा काल का प्रभाव होने के कारण दहन का शुभ मुहूर्त रात्रि 10:36 बजे के बाद निर्धारित किया गया था। भक्तों ने शुभ समय पर विधिवत पूजा-अर्चना कर अग्नि प्रज्वलित की।


भद्रा काल में क्यों नहीं होता होलिका दहन? महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान ट्रस्ट के ज्योतिषाचार्य पं. कन्हैया पाण्डेय के अनुसार, होलिका दहन का शुभ समय रात्रि 10:36 बजे के बाद प्रारंभ हुआ। इससे पहले सुबह 10:02 बजे से रात 10:35 बजे तक भद्रा काल था, जिसमें कोई भी शुभ कार्य वर्जित माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, भद्रा के समय किया गया होलिका दहन अशुभ फल देता है और इससे अनहोनी की आशंका बनी रहती है। इसी कारण श्रद्धालुओं ने भद्रा समाप्त होने के बाद ही होलिका दहन किया।

होलिका दहन की पूजा विधि और सामग्री होलिका दहन से पूर्व श्रद्धालुओं ने पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। इस दौरान अक्षत, फूल, माला, हल्दी, रोली, धूप, कपूर, बताशा, नारियल, गुड़, मिठाई, गेहूं, मूंग और जौ की बालियां अर्पित की गईं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूजा के दौरान ॐ होलिकायै नमः ॐ प्रह्लादाय नमः और ॐ नृसिंहाय नमः मंत्रों का उच्चारण विशेष फलदायी माना जाता है।

इसके बाद श्रद्धालुओं ने होलिका की सात बार परिक्रमा कर उसमें कच्चा सूत लपेटा और अग्नि प्रज्वलित कर उसमें समर्पित सामग्री अर्पित की। मान्यता है कि होलिका की पवित्र अग्नि में गेहूं की बालियां सेंकने से वर्षभर आरोग्य और समृद्धि बनी रहती है।

धर्म और आस्था का पर्व – बुराई पर अच्छाई की विजय पौराणिक कथा के अनुसार, दैत्यराज हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को आग में न जलने का वरदान प्राप्त था। उसने भगवान विष्णु के परम भक्त प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर अग्नि में बैठने का प्रयास किया, ताकि वह जलकर भस्म हो जाए। लेकिन भगवान की कृपा से प्रह्लाद सुरक्षित रहे और होलिका स्वयं जलकर भस्म हो गई। तभी से यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है।

सौहार्द और शांति का संदेश जदयू व्यवसाय प्रकोष्ठ के नगर अध्यक्ष ने कहा श्रवण कुमार ने वार्ड नंबर 24 और 36 के बीच रात्रि 11:30 बजे वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ होलिका दहन किया। उन्होंने कहा कि यह पर्व सामाजिक एकता, भाईचारे और सौहार्द का प्रतीक है।

उन्होंने नागरिकों से अपील की कि होली प्रेम और आनंद का पर्व है, इसे सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाएं। यदि कोई शरारती तत्व माहौल खराब करने का प्रयास करे तो तुरंत 112 नंबर पर पुलिस को सूचित करें। प्रशासन की सतर्कता और शुभकामनाएं श्रवण कुमार ने कहा कि प्रशासन द्वारा सख्त सुरक्षा व्यवस्था लागू किए जाने से जिलेभर में होलिका दहन शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ। उन्होंने नगरवासियों और समस्त देशवासियों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए उम्मीद जताई कि यह पर्व सभी के जीवन में खुशहाली, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा लेकर आएगा।

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