Nalanda : बिहार थाना क्षेत्र के कागजी मोहल्ला स्थित एक निजी क्लीनिक में ऑपरेशन के बाद मरीज की हालत बिगड़ने पर परिजनों ने जमकर हंगामा किया। स्थानीय लोगों के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए पुलिस मौके पर पहुंची और माहौल शांत कराने की कोशिश की।
क्या है पूरा मामला?
नूरसराय थाना क्षेत्र के होरिल बिगहा निवासी श्याम सुंदर प्रसाद के पुत्र प्रभात कुमार का आरोप है कि उनके पिता को 27 दिसंबर को गॉल ब्लैडर की पथरी के ऑपरेशन के लिए भर्ती कराया गया था। ऑपरेशन के बाद उनकी हालत बिगड़ गई, तो डॉक्टरों ने उन्हें पटना रेफर कर दिया। परिजनों का दावा है कि इलाज में 10 लाख रुपये से अधिक खर्च होने के बावजूद मरीज की स्थिति नाजुक बनी हुई है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि पटना के डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि मरीज का गॉल ब्लैडर ऑपरेशन किया ही नहीं गया! ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर क्लीनिक के डॉक्टरों ने किस चीज का ऑपरेशन किया?
डॉक्टर का बचाव, लेकिन सवाल जस के तस!
क्लीनिक संचालक डॉ. अमरेंद्र कुमार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ऑपरेशन आयुष्मान भारत योजना के तहत किया गया था, लेकिन सर्जरी के दौरान ही मरीज की हालत बिगड़ गई, जिसके चलते उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि मरीज तीन महीने बाद फिर से उनके क्लीनिक आया, लेकिन इस दौरान उसका कहां-कहां इलाज हुआ, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है।
परिजनों की मांग – हो कार्रवाई
परिजनों का आरोप है कि यह सीधा-सीधा लापरवाही और पैसे ऐंठने का मामला है। उन्होंने मांग की है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो। इस पर बिहार थानाध्यक्ष सम्राट दीपक ने कहा कि परिजनों से आवेदन मिलने के बाद आवश्यक कानूनी कदम उठाए जाएंगे। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस गंभीर मामले में क्या कदम उठाता है या फिर मामला यूं ही ठंडे बस्ते में चला जाता है!
