BREAKING NEWS
तनिष्क शोरूम में लूट : हीरे और सोने के जेवर लेकर फरार हुए बदमाश...        जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव व इस्लामपुर के पूर्व विधायक राजीव रंजन का निधन : पार्टी में शोक का माहौल...        प्रशासनिक अनदेखी से जिले से विलुप्त हो रहा गांधी के सपनों की खादी...        बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग खारिज...        पेपर लीक पर 10 साल की सजा, एक करोड़ जुर्माना:बिहार सरकार ने तैयार किया नया कानून...        शादीशुदा महिला से जॉब के बदले यौन शोषण : पीड़िता बोली-हॉस्पिटल मालिक ने दो बार गर्भपात करवाया...        धनेश्वर घाट शिव मंदिर में भोलेनाथ का हुआ भव्य श्रृंगार...        फिल्म पुष्पा स्टाइल में झारखंड से बिहार लाया जाता है शराब : चार आरोपित गिरफ्तार...        डाक विभाग आपके घर पहुंचाएगा गंगाजल : सावन में शुरू हुई विशेष सेवा...        नालंदा हार्ट केयर हॉस्पिटल में हुई चोरी...       
post-author
post-author
post-author

कमीशन के चक्कर में मरीजों को निजी अस्पताल ले जाती हैं आशाकर्मी

Bihar 16-Jun-2023   9600
post

बिंद(नालंदा) : निजी अस्पतालों से मिलने वाले मोटे कमीशन के चक्कर में गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में गुमराह किया जा रहा है। प्रसव के लिए पीएचसी बिंद पहुंचने वाली गर्भवती महिलाओं को फैसलेटर व आशाकर्मियों द्वारा अस्पताल में लापरवाही और केस बिगड़ने की बात कहकर उन्हें निजी अस्पताल जाने की सलाह दी जाती है। इतना ही नहीं इन स्वास्थकर्मियों द्वारा सलाह देने के पश्चात मरीजों को निजी क्लीनिकों तक पहुँचाकर कमीशन के रूप में वहाँ से मोटी रकम की उगाही की जाती है।आशाकर्मी व फैसलेटर के द्वारा अस्पताल में मरीजों को गुमराह करके निजी अस्पतालों तक ले जाने का मामला अधिकारियों के संज्ञान में है, लेकिन उनके द्वारा इन स्वास्थ्य कर्मियों पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। इन स्वास्थ्यकर्मियों के द्वारा कमीशन के चक्कर में मरीजों को निजी अस्पतालों में पहुंचाए जाने के बाद कई बार जच्चा-बच्चा की मौत तक हो जाती है। इस संबंध में पुछे जाने पर पीएचसी प्रभारी डां उमाकांत प्रसाद ने बताया कि स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा कमीशनखोरी की इन मामलो से इंकार तो नहीं किया जा सकता। श्री प्रसाद ने कहा कि पीएचसी से मरीजों को सदर अस्पताल रेफर किया जाता है। लेकिन यहां से बाहर निकलते ही आशा एवं फैसलेटर के द्वारा मरीजों को गुमराह कर निजी अस्पतालों में पहुंचा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि कई मामले संज्ञान में आने के बाद इन कर्मियों के साथ डांट डपट भी किया जाता है , लेकिन चूकी मरीज आशाकर्मियों के भरोसे रहती है। इसी का फायदा उठाते हुए आशा एवं फैसलेटर द्वारा मोटी रकम उगाही के चक्कर में मरीजों को निजी अस्पतालों में पहुंचा दिया जाता है। सूत्र बताते हैं कि मरीजों को निजी अस्पताल में पहुंचाए जाने का मुख्य कारण यह है कि फैसलेटर के मकान में ही निजी किलनिक संचालित की जा रही है।

Realated News!

Leave a Comment

Sidebar Banner
post-author
post-author
post-author